झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के बाद झारखंड उच्च न्यायालय में रिट दाखिल की थी, जिस पर 28 फरवरी को एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की बेंच ने सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर कोई फैसला नहीं आया है।
हाई कोर्ट पर क्या आरोप?
पूर्व सीएम के वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि ‘हमने अनुच्छेद 32 के तहत इस अदालत का रुख किया था, लेकिन हमें पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा गया था। हम वहां गए। मामले की सुनवाई 27 और 28 फरवरी को हुई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया। लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है। हम जज के पास वापस गए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
पूर्व सीएम के वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि ‘हमने अनुच्छेद 32 के तहत इस अदालत का रुख किया था, लेकिन हमें पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा गया था। हम वहां गए। मामले की सुनवाई 27 और 28 फरवरी को हुई और फैसला सुरक्षित रख लिया गया। लेकिन अभी तक फैसला नहीं सुनाया गया है। हम जज के पास वापस गए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा।
तत्काल सुनवाई की मांग
कपिल सिब्बल से यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मुवक्किल (हेमंत सोरेन) ने नई याचिका दायर की है, उन्होंने बताया, ‘हां, हमने एक नई याचिका दायर की है और हम चाहते हैं कि इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हो… अगर हम कुछ और कहेंगे तो यह कहा जाएगा कि हम न्यायपालिका पर हमला कर रहे हैं।’ अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी में हेमंत सोरेन की ओर से गुहार लगाई गई है कि फैसला नहीं आने से वह लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की भी मांग की है।
कपिल सिब्बल से यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मुवक्किल (हेमंत सोरेन) ने नई याचिका दायर की है, उन्होंने बताया, ‘हां, हमने एक नई याचिका दायर की है और हम चाहते हैं कि इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हो… अगर हम कुछ और कहेंगे तो यह कहा जाएगा कि हम न्यायपालिका पर हमला कर रहे हैं।’ अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी में हेमंत सोरेन की ओर से गुहार लगाई गई है कि फैसला नहीं आने से वह लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की भी मांग की है।