दुर्ग / बफना अर्थमूवर्स डाय० संजय बाफना, मालवीय नगर, दुर्ग को अवैध प्लाटिंग के संबंध मे ग्राम ग्राम सिकोला, पटवारी हल्का नंबर 17, रा०नि०सं० दुर्ग 02, तह० दुर्ग, जिला दुर्ग, स्थित ख०नं० भूमि 293/1, रकबा 1.972 हे० भूमि को टुकड़ों में विभाजित कर विक्रय करते हुए अवैध प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। उक्त कृत्य छ०ग० भूमि विकास अधिनियम 1984 की धाराओं एवं छ०ग० नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं छ०ग० नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में हैं। 07 दिवस के अंदर इस संबंध में मय दस्तावेज कारण बतायें कि क्यों ना उक्त भूखंड/भूमि का अधिग्रहण एवं प्रबंधन नियमानुसार नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 292 (ज) के अंतर्गत नगर पालिक निगम, दुर्ग द्वारा अपने हाथ में ले लिया जावे एवं आपके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावे !
जाने पूरा मामला जिसे सबसे पहले jwala express ने उजागर किया जिसके बाद निगम दुर्ग ने नोटिस जारी किया
डायवर्सन न लेआउट, धड़ाधड़ अवैध प्लॉटिंग का चल रहा खेल, दुर्ग जिले में
Durg/ दुर्ग शहर में अवैध प्लॉटिंग के खेल की जड़े काफी गहरी जम चुकी है। राज्य बनने के बाद से ऐसी एक दर्जन से अधिक अवैध कॉलोनियां निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
इसके बावजूद भी सख्ती से रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया गया।
सिकोला क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग लंबे समय से चल रहा है। जिस पर जिला प्रशासन ने भी कई बार कार्यवाही किया था ।
*अभी भी जारी है अवैध प्लाटिंग*
*बाफना अर्थ मूवर्स डायरेक्टर संजय बाफना द्वारा सिकोला में अवैध प्लाटिंग कि जा रही है*
जिसका छत्तीसगढ़ रेरा से अनुमति नहीं ली न ही नगर तथा ग्राम निवेश दुर्ग द्वारा अनुमोदित अभीन्यास नहीं कराया गया है और ना हि *नेशनल हाईवे से रोड कि अनुमति नहीं ली गई है न ही नगर निगम दुर्ग से और बेधड़क अवैध प्लाटिंग का कारोबार कर रहे हैं।*
*दुर्ग निगम के जिम्मेदार अधिकारी को इसकी जानकारी है की जिस खसरा में अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है उसमें गंभीर त्रुटि है जो भविष्य में मुसीबत का सबब बन सकती है। नगर निगम को अपने क्षेत्र में हो रहे अवैध प्लाटिंग को बैन करने तथा खसरा का पंजीयन पर रोक लगाना चाहिए। लेकिन निगम दुर्ग के अधिकारियों के मिलीभगत के चलते दबे पांव पूरा कारोबार संचालित हो रहा है।*
*आगे और भी खुलासा……*
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शहर के हर हिस्से में चल रहा अवैध प्लॉटिंग कारोबार से बसाहट बदसूरत और मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित तो होते ही हैं। सरकारी खजाने को मिलने वाले राजस्व को भी लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। क्योंकि, ऐसे लोग मुरम की रोड बिछाकर टुकड़े-टुकड़े में प्लॉट बेच कर रफा-दफा हो रहे हैं। न तो डायवर्सन कराते हैं न ही लेआउट पास।
जबकि इसी माध्यम से सरकारी खजाने का राजस्व मिलता है। निगम प्रशासन जब तक अवैध प्लाटिंग में लिप्त ऐसे लोगों पर शिकंजा नहीं कसता, शहर का कोई हिस्सा अवैध प्लॉटिंग बच नहीं पा रहा है। क्योंकि, शासन का नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के जिम्मेदारों का भी वैसा ही हाल है, जैसा कि निगम अमले का।
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जिन लोगों पर अवैध प्लॉटिंग कारोबार को रोकने का जिम्मा है, वे सख्ती से रोक लगाने के बजाय एक-दूसरे का क्षेत्र होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत न तो अवैध प्लॉटिंग रुक रही है और निगम क्षेत्र के बाहर वाले हिस्सों में। जिला प्रशासन ने इसके लिए एक संयुक्त टीम जिसमें निगम, टाउन एंड प्लानिंग और राजस्व विभाग के अमले को शामिल किया था। लेकिन तीनों का गठजोड़ ऐसा कि अवैध प्लाटिंग हो जाने पर कहीं कोई कार्रवाई नहीं।