दुर्ग/ नगपुरा। श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में गुरुवार को छ री पालित यात्रा संघ का आगमन हुआ । अध्यात्म सम्राट, दीक्षा धर्म के महानायक प. पू. आचार्य श्रीमद् विजय योगतिलक सूरीश्वर जी म. सा. के विद्वानशिष्य पू.पंन्यासप्रवर श्री श्रमण तिलक विजयजी ,मुनि श्री श्वेततिलक विजय, मुनि श्री कंचनतिलक विजयजी आदि 16 साधु भगवंत एवं प. पू. साध्वी श्री चैत्यदर्शिताश्री जी म. सा. आदि 15 साध्वीवृंद की निश्रा में यह पैदल यात्रा संघ का आयोजन किया गया था। खैरागढ़ के धर्मनिष्ठ भीखमचंद धरमचंद मुणोत एवं कवर्धा के लोकचंद – रजनीकांता मुणोत परिवार ने खैरागढ़ से नगपुरा तीर्थ के लिए तीन दिवसीय यात्रा का आयोजन किया।
जिसमें लगभग 100 यात्री छ री पालित संघ के नियमों का पालन करते हुए आज पैदल नगपुरा तीर्थ पहुँचे। जैन धर्म में छ री पालित संघ का विशेष महत्त्व है, इस यात्रा संघ में आने वाले सभी यात्री को यात्रा दरिम्यान जमीन पर ही शयन करना होता है, मात्र एक बार आहार ग्रहण करना, ब्रम्हचर्य का पालन करना, पैदल यात्रा करना, दैनिक प्रतिहारी प्रतिक्रमण, स्नात्र पूजादि दैनिक क्रिया के साथ, सचित्त का परिहार ऐसे है: नियमों का पालन किया जाना जरूरी होता है। यह यात्रा प्रवास एक तरह से अहिंसा, ब्रम्हचर्य, त्याग तपस्या का सूक्ष्म उदाहरण होता है।
साधु-साध्वी भगवंतों की निश्रा में संगीत एवं घोष के साथ आज प्रातः 8 बजे यात्रियों का तीर्थ प्रवेश हुआ। तीर्थ प्रवेश द्वार पर तीर्थ के अध्यक्ष गजराज पगारिया, मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड़, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन, पन्नालाल गोलछा, राजेन्द्र गोलछा, पुखराज मुणोत, सुरेश बागमार ने यात्रा संघ का अगुवानी के साथ स्वागत किया। तीर्थयात्रियों द्वारा सेवा-पूजा उपरान्त प्रवचन सभागृह में धर्मसभा का आयोजन हुआ जिसमें संघपति परिवार को तीर्थमाल आरोहण की विधि कराया गया।
जेठमल अनोपीबाई गोलछा मद्रास एवं मूलचंद महेशकुमार कोठारी फलोदी (राज.) ने विधिपूर्वक अभिमंत्रित तीर्थमाल संघपति को अर्पित किया। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ खैरागढ़ के अध्यक्ष राजकुमार छाजेड़ एवं संघपतियों को तीर्थ प्रबंधन की ओर से अभिनंदन पत्र भेंटकर स्वागत किया गया। सभागृह में कवर्धा, दुर्ग, रायपुर, खैरागढ़ राजनांदगाँव, धमतरी, केशकाल, जगदलपुर आदि स्थानों के लगभग 400 यात्रियों ने गुरु भगवंतों के प्रवचन श्रवण किए।