दुर्ग में कांग्रेसियों का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन
दुर्ग । प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा के नेतृत्व में शहरी कांग्रेस ने किसानों के हक में आवाज उठाई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेंद्र साहू, जिला अध्यक्ष गया पटेल,पूर्व महापौर आर.एन. वर्मा और महापौर धीरज बाकलीवाल के साथ भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन दिया।
10 दिसंबर 2024 को दुर्ग शहर में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य धान खरीदी केंद्रों में फैली अव्यवस्था और किसानों की परेशानियों को लेकर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित करना था।
वोरा ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा, “किसानों की स्थिति अब बर्दाश्त करने योग्य नहीं रही। प्रदेश सरकार ने चुनावी वादों के बाद भी किसानों के लिए कुछ नहीं किया। धान खरीदी केंद्रों पर बारदाने की कमी, टोकन वितरण में अव्यवस्था, और इलेक्ट्रॉनिक कांटों में 1.5 से 2.5 किलो तक की तौलाई में कमी ने किसानों के सामने और भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यह भाजपा सरकार की निष्क्रियता का परिणाम है, और हम किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेंगे।”
प्रदेश महामंत्री राजेंद्र साहू ने कहा, “धान की खरीदी के मुद्दे पर सरकार की उदासीनता स्पष्ट है। किसानों के अधिकारों के लिए हम कांग्रेस पार्टी के झंडे तले इस आंदोलन को तेज करेंगे।”
जिला कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल ने कहा, “हम किसानों की आवाज उठाने के लिए सड़कों पर हैं। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा किसानों के लिए काम किया है, और हम उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। यह धरना सरकार को यह संदेश देने के लिए है कि हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक किसानों को उनके अधिकार नहीं मिलते।”
पूर्व महापौर आर. एन. वर्मा ने कहा, “भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जो वादे किए थे, वे सिर्फ कागजी साबित हुए हैं। हम सभी कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़े हैं और सरकार से मांग करते हैं कि किसानों से उनकी पूरी धान खरीदी जाए, साथ ही समर्थन मूल्य में उचित बढ़ोतरी की जाए।”
महापौर धीरज बाकलीवाल ने इस धरने में कहा, “किसान हमारे समाज के अहम स्तंभ हैं। यदि उनका उत्थान नहीं होगा, तो प्रदेश की प्रगति भी प्रभावित होगी। धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्था से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, और यह स्थिति तत्काल सुधारने की आवश्यकता है।”
धरने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के विभिन्न मुद्दों पर मीडिया के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। इनमें प्रमुख समस्याएं थीं।
बारदाने की कमी: पुराने बारदाने की भारी कमी, जिससे किसानों को धान बेचने में दिक्कत हो रही है। सरकार ने कहा था कि 50 प्रतिशत नए और 50 प्रतिशत पुराने बारदाने का उपयोग किया जाएगा, लेकिन पुराने बारदाने समितियों तक नहीं पहुंचे हैं।
टोकन की अव्यवस्थित व्यवस्था: किसानों को टोकन मिलने में लंबा समय लग रहा है। कई बार किसानों को निर्धारित तारीख के 7 से 10 दिन बाद धान बेचने के लिए बुलाया जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक कांटों की गलत तौलाई: किसान भाईयों को 1.5 से 2.5 किलो तक की अतिरिक्त तौलाई का नुकसान हो रहा है, जो उनकी मेहनत का सटीक मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
धान उठाव की कमी: सोसायटियों में धान उठाव की उचित व्यवस्था नहीं हो रही है, जिससे बोरे जमा हो गए हैं और जगह की भारी कमी हो रही है।
खरीदी की दर में गड़बड़ी: अनावरी रिपोर्ट में गलत आंकड़े दिखाए जा रहे हैं और किसानों से पूरी 21 क्विंटल धान नहीं खरीदी जा रही है।
समर्थन मूल्य की मांग: भाजपा सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल का वादा किया था, लेकिन किसानों को अभी तक पूरा भुगतान नहीं हुआ। कांग्रेस ने 3217 रुपये प्रति क्विंटल की मांग की है।
धरने के अंत में, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन को प्रदेशभर में फैलाने का संकल्प लिया और किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी।
कांग्रेस पार्टी ने इस धरने के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब तक किसानों को उनके अधिकार नहीं मिलते, तब तक कांग्रेस पार्टी उनके संघर्ष में पूरी तरह से साथ रहेगी।
इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष अलताफ अहमद, राजकुमार पाली, राजकुमार साहू, महिप सिंह भुवाल, अजय मिश्रा सहित कांग्रेस पार्षद एवं सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे।