मुंबई के अणुशक्ति नगर स्थित होमी भाभा विज्ञान शिक्षण केंद्र में केमिस्ट्री ओलंपियाड टीचर एक्सपोजर कैम्प हुआ। 4 से 7 दिसंबर तक चले इस कैम्प में भारत और नेपाल से 39 शिक्षक शामिल हुए। चार दिन चले विभिन्न सत्रों में कैमिस्ट्री ओलंपियाड की चुनौतियों और समाधान पर विमर्श किया। इस दौरान प्रेक्टिकल कर रसायन विज्ञान की बारीकियों को को समझा और सीखा।
MP के यह शिक्षक हुए शामिल
केमिस्ट्री ओलंपियाड एक्सपोजर कैंप के लिए देशभर से 59 और मध्यप्रदेश से 6 शिक्षक चयनित किए गए थे। इनमें से एमपी से 4 शिक्षक ही पहुंचे। उत्कृष्ट विद्यालय व्यंकट-1 सतना के डॉ रामानुज पाठक और सीएम राइज स्कूल बगहा के राजेंद्र सिंह, उज्जैन की अद्विता श्रीवास्तव और नीमच की प्रकृति दुबे ने चार दिससीय एक्पोजर कैम्प में अपनी उत्कृष्ट शिक्षण शैली से अवगत कराया।
एक्सपोज़र कैम्प का उद्देश्य
ओलंपियाड कार्यक्रम से देशभर से आए शिक्षक अपने टैलेंट, शिक्षण शैली और नवाचारों को एकदूसरे से साझा करते हैं। प्रायोगिक और सैद्धांतिक दोनों क्षेत्रों में रसायन विज्ञान की अवधारणाओं से संबंधित सत्र होते हैं। पहले सत्र में रसायन विज्ञान में राष्ट्रीय मानक परीक्षा (एनएसईसी), दूसरे में भारतीय राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (आईएनसीएचओ), तीसरे चरण में अभिमुखीकरण सह चयन शिविर (ओएससी), चौथे चरण में प्रस्थान-पूर्व प्रशिक्षण शिविर (पीडीटी) और अंतिम चरण में अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान ओलंपियाड (आईसीएचओ) से जुड़ी जानकारी दी जाती है।
एक्सपोजर कैंप की जरूरत
अपरंपरागत समस्याओं को डिजाइन करने और इनके समाधान में छात्रों का मार्गदर्शन, ऐतिहासिक, दार्शनिक, व्यावहारिक और वैचारिक स्तरों पर विषय से जुड़ाव की जरूरत होती है। जो न सिर्फ विषय की वैचारिक समझ को समृद्ध करता है, बल्कि शिक्षण शैली भी समृद्ध होती है।
केमिस्ट्री ओलंपियाड क्या है?
केमिस्ट्री ओलंपियाड (आईसीएचओ) में सैद्धांतिक और व्यावहारिक दो परीक्षाएं होती हैं। प्रत्येक परीक्षा 5 घंटे चलती है। व्यावहारिक परीक्षा सैद्धांतिक से पहले होती है।
केमिस्ट्री ओलंपियाड की चयन प्रक्रिया
प्रथम चरण में स्क्रुटनी परीक्षा होती है। इसमें 40 से 60 हजार विद्यार्थी शामिल होते हैं। टैलेंट के आधार पर उनका चयन होता है। रसायन विज्ञान ओलंपियाड में चार-पांच स्टूडेंट्स को ही मौका मिलता है।