उपार्जन केंद्रों से धान का तेजी से उठाव होने से किसानों के खिले चेहरे
– 20,676 में. टन धान का हो चुका है उठाव
दुर्ग। शासन की धान खरीदी नीतियों के अनुरूप सुसंगत ढंग से जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। विष्णु के सुशासन में किसानों के हित में लिए गए निर्णय से किसानों के चेहरे खिल उठे है। उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव तेजी से होने लगा है। विष्णु सरकार द्वारा लिए गए फैसले से राईस मिलर्स लौट आए है। ट्रांसपोटर्स भी धान का उठाव कर रहे है। अब तक 119 मिलर्स पंजीयन करा चुके है। 82,753 में. टन धान के उठाव के लिए डीओ/टीओ जारी किया जा चुका है। बफर लिमिट केंद्रों में उठाव की वजह से अब धान की मात्रा कम होने लगी है। अब किसानों को धान की बिक्री में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। उपार्जन केंद्रों में धान की ढ़ेरी लगाने पर्याप्त जगह मिलने लगी है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले के 87 सहकारी समितियों के 102 उपार्जन केन्द्रों पर धान खरीदी चल रही है। जिले के पंजीकृत 1,14,778 किसानों में से अब तक 57,239 किसानों से 2,67,268.28 में. टन धान खरीदी की गई है। उपार्जन केन्द्रों में धान के उठाव तेजी आई है। 20,676.00 में. टन धान का उठाव किया जा चुका है।
रिसामा धान उपार्जन केंद्र में चिरपोटी ग्राम पंचायत के किसान दौलत साहू ने चर्चा के दौरान बताया कि उन्होंने 20 क्विंटल धान बेचा है। बिक्री के 72 घंटे के भीतर उन्हें राशि का भुगतान किया गया। कृषक श्री साहू ने बताया ’’मेरे दो बच्चे हैं। बेटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही है और दूसरा बेटा पढ़ाई समाप्त कर खेती किसानी में हाथ बटा रहा है। धान बेचने से प्राप्त राशि बेटी की पढ़ाई में लगाऊंगा और कुछ राशि से घरेलू खर्च निकलेगा।’’ कृषक रोशन लाल साहू ने बताया कि उन्होंने 65 क्विंटल धान बेचा है और प्राप्त राशि से माल वाहक गाड़ियों की मजदूरी दी और कुछ पैसे घर खर्च में लगाए है। समिति प्रबंधक ने बताया कि अब तक 645 किसानों ने कुल 24,444 क्विंटल धान बेच चुके है। 6660 क्वि. धान का उठाव मिलरों द्वारा किया जा चुका है। समिति में किसानों के लिए सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है।