सीजीएमएससी घोटाला: 6 आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश किया 18 हजार पन्नों का चालान, 10 जून तक मिली रिमांड
रायपुर । छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ष्टत्ररूस्ष्ट) घोटाला मामले में बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने इस मामले में लगभग 18 हजार पन्नों की चार्जशीट तैयार कर विशेष अदालत में दाखिल कर दी है। श्वह्रङ्ख द्वारा दायर चार्जशीट में अब तक गिरफ्तार 6 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं। आज सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने सभी को 10 जून 2025 यानी करीब डेढ़ महीने के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।बता दें कि जिन आरोपियों को न्यायिक रिमांड में लिया गया उनमें शशांक चोपड़ा (संचालक, मोक्षित कॉर्पोरेशन), बसंत कुमार कौशिक (तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक, ष्टत्ररूस्ष्ट), छिरोद रौतिया (बायो मेडिकल इंजीनियर), कमलकांत पाटनवार (उपप्रबंधक), डॉ. अनिल परसाई और दीपक कुमार बंधे (मेडिकल इंजीनियर) के नाम शामिल हैं। मोक्षित कॉर्पोरेशन ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ शासन को 750 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। बता दें कि इस मामले में कई आईएएस अफसर एसीबी-ईओडब्ल्यू के निशाने पर हैं। कुछ आईएएस अफसरों से पूछताछ भी हो चुकी है।विशेष कंपनी को टेंडर दिलाने बनाया रास्ताश्वह्रङ्ख के वकील डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि ष्टत्ररूस्ष्ट घोटाले में जांच के दौरान यह साफ हो गया कि टेंडरिंग प्रक्रिया को जानबूझकर पारदर्शिता से दूर रखा गया था। कई कंपनियों द्वारा तकनीकी शर्तों में बदलाव के आवेदन दिए गए थे, ताकि प्रतिस्पर्धा बढ़ सके, लेकिन उन सबको अनदेखा कर केवल तीन कंपनियों को ही टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया। डॉ. पांडे ने बताया कि इन तीनों कंपनियों ने आपस में मिलीभगत कर एक जैसी शर्तों के साथ आवेदन दाखिल किया था, ताकि एक विशेष कंपनी को टेंडर मिलने का रास्ता साफ हो। उन्होंने यह भी कहा कि खरीदे गए उपकरणों की कीमतें बाजार दर से काफी अधिक थीं और गुणवत्ता की जांच भी सही तरीके से नहीं की गई थी।18,000 पन्नों में टेंडरिंग संबंधी दस्तावेजडॉ. पांडे के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन और अन्य कंपनियों ने फर्जी दावे किए कि वे उपकरणों का निर्माण खुद करते हैं, लेकिन जांच में सामने आया कि ये दावे झूठे थे। उन्होंने आगे बताया कि चालान में करीब 18,000 पन्नों में टेंडरिंग दस्तावेज, कंपनियों के बीच हुए समन्वय के सबूत, कीमतों की तुलना रिपोर्ट और तकनीकी समितियों के निर्णयों को शामिल किया गया है। श्वह्रङ्ख के वकील ने कहा कि अभी आगे और भी लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है और यदि आवश्यक हुआ तो और पूरक चालान (स्ह्वश्चश्चद्यद्गद्वद्गठ्ठह्लड्डह्म्4 ष्टद्धड्डह्म्द्दद्गह्यद्धद्गद्गह्ल) भी दाखिल किया जाएगा। फिलहाल अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 जून 2025 की तारीख तय की है।छत्तीसगढ़ के राजकोष को किया गया खालीकांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के ष्टत्ररूस्ष्ट ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को खाली किया गया था। इस पूरे मामले को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था। रीएजेंट और उपकरणों की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार किया गया। बाजार दर से कई गुना ज्यादा में खरीदी कर राजकोष खाली किया।दो साल के ऑडिट में खुली गड़बड़ी की पोललेखा परीक्षा की टीम की ओर से ष्टत्ररूस्ष्ट की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया। जहां जरूरत नहीं थी वहां उपकरण भेजे गए।776 केंद्रों में दवा और उपकरण की सप्लाईछत्तीसगढ़ के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी। ऑडिट टीम के अनुसार ष्ठ॥स् ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था। इस फर्जीवाड़ा के बाद स्वास्थ्य केंद्रों के लिए फ्रीज खरीदने की योजना थी, जिसे पकड़ लिया गया था।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
स्वामी / संपादक : ज्वाला प्रसाद अग्रवाल
सिंधी कॉलोनी, सिंधी गुरुद्वारा के पीछे, दुर्ग, छत्तीसगढ़, पिनकोड - 491001
मो.- 9993590905
बैंक का नाम : IDBI BANK
खाता नं. : 525104000006026
IFS CODE: IBKL0000525
Address : Dani building, Polsaipara, station road, Durg, C.G. - 490001
Copyright 2025-26 JwalaExpress - All Rights Reserved
Designed By - Global Infotech.