रायपुर (DNH):- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में कोविड-19 से पीडि़त महिला की एक जून को पैदा हुई नवजात बच्ची को अब मां को सौंप दिया गया है। अब वार्ड में दोनों-महिला और उसकी नवजात बच्ची चिकित्सकों और नर्सिंग स्टॉफ की देखरेख में पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
एम्स में यह पहला मामला था जब कोविड-19 से पीडि़त मुंगेली की एक 23 वर्षीय महिला को अस्पताल के कोविड वार्ड में प्रसव पीड़ा होने के बाद एक जून को डिलीवरी करवाई गई। महिला का पति मकान मिस्त्री है। गाइनी की विभागाध्यक्ष प्रो. सरिता अग्रवाल के निर्देशन में चिकित्सकों की एक टीम ने महिला की सुरक्षित नार्मल डिलीवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बच्ची को जन्म के बाद एक दिन तक मां से अलग चिकित्सकों की देखरेख में पीडियाट्रिक वार्ड में रखा गया और इस दौरान बच्ची को मां का एक्सट्रेक्टिड मिल्क दिया गया। इस बीच महिला की दो रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद दो जून को बच्ची को मां को सौंप दिया गया। दोनों एक दूसरे से मिलने के बाद बहुत संतुष्ट हैं। बच्ची का भी कोविड-19 टेस्ट किया गया है जिसकी रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी। बच्ची यदि नेगेटिव आती है तो दोनों को डिस्चार्ज किया जा सकता है।
निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने सुरक्षित प्रसव कराने और बच्ची की सुरक्षित देखभाल पर गाइनी और पीडियाट्रिक चिकित्सकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी दोनों विभागों के चिकित्सकों ने जो प्रोफेशनलिज्म का परिचय दिया है वह नि:संदेह सराहनीय है।