भोजशाला में खुदाई के साथ यज्ञकुंड और गर्भगृह की हुई क्लीनिंग-ब्रशिंग
भोपाल,। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे रविवार को 73वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 15 अधिकारियों की टीम 42 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 73वें दिन भोजशाला के दक्षिण की ओर एक नया ट्रेंच शुरू किया गया है, जहां खुदाई का काम किया गया। इसके अलावा यज्ञकुंड और गर्भगृह के बीच में निकली दीवार की क्लीनिंग और ब्रशिंग की गई। टीम को एक दिन पहले मिट्टी हटाने के दौरान एक बड़ा आकृति वाला पत्थर मिला था, हिंदू पक्ष ने इसे मंदिर के शिखर का आधार भाग होने का दावा किया है। साथ ही एक और बड़ा पाषाण अवशेष भी मिला है, जिसकी अभी सफाई होनी बाकी है। इसके बाद यह स्पष्ट होगा कि इस पर क्या आकृति अंकित है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि आज भोजशाला के बाहर दक्षिण की ओर एक नए ट्रेंच में खुदाई का काम किया गया। गर्भगृह के पीछे की ओर पश्चिम में भी एक नई ट्रेंच चालू की गई है, वहां पर भी खुदाई का काम किया गया है। उत्तर दिशा से मिट्टी हटाने का काम जारी रहा। यज्ञकुंड और गर्भगृह के बीच में जो दीवार क्लियर निकल रही थी, वहां पर क्लीनिंग और ब्रशिंग की गई है। दीवार काफी नीचे तक जाती दिखाई दे रही है। एक-एक ईट की क्लीनिंग और ब्रशिंग कर ली गई है। इसके अलावा नपती की गई है। आज भी फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी की गई है।
उन्होंने बताया कि गर्भगृह के उत्तरी भाग में खुदाई करके मिट्टी हटाने का कार्य व्यापक स्तर पर किया गया। शिखर के विभिन्न भागों का एक आधार स्तंभ है, जिसे एएसआई की टीम ने सुरक्षित कर लिया है। अब इसका अध्ययन किया जाएगा। वहीं एक पत्थर पाया गया। इस पर मिट्टी काफी जमी हुई थी, इसलिए पत्थर के बारे में विवरण स्पष्ट रूप से प्राप्त नहीं हो पाया। इसकी सफाई कराई जाएगी।