लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू देने का मामला
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में पंजाब पुलिस के दो DSP समेत 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के जेल से इंटरव्यू देने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। इस मामले में पंजाब पुलिस के दो DSP समेत 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जेल में रहते हुए एक निजी टीवी चैनल काे इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शूट किया गया था। मामला तब सामने आया जब यह इंटरव्यू टीवी चैनल पर ब्रॉडकास्ट हुआ। इसके बाद राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे।
इन अफसरों पर हुआ एक्शन:
- गुरशेर सिंह, डीएसपी, अमृतसर (तत्कालीन डीएसपी (Inv.), एसएएस नगर, मोहाली)
- सम्मर वनीत, डीएसपी, ईओडब्ल्यू, एसएएस नगर
- सब इंस्पेक्टर रीना, सीआईए, खरड़ (एसएएस नगर)
- सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू, एजीटीएफ, पंजाब
- सब इंस्पेक्टर शगंजीत सिंह, एजीटीएफ, पंजाब
- एएसआई मुख्तियार सिंह, तत्कालीन ड्यूटी अधिकारी
- हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, सीआईए, खरड़ (तत्कालीन नाइट एमएचसी)
एसआईटी रिपोर्ट में लापरवाही का खुलासा
विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट में लापरवाही के कई सबूत पेश किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इन पुलिसकर्मियों की लापरवाही के कारण जेल में रहते हुए बिश्नोई ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू के लिए एक विशेष योजना बनाई गई थी, जिसमें कुछ अधिकारी शामिल थे। एसआईटी ने खुलासा किया कि बिश्नोई का यह इंटरव्यू सितंबर 2022 में रिकॉर्ड किया गया था। पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने इस घटना को रोकने में लापरवाही बरती।
आरोपित पुलिसकर्मियों के नाम और पद
एसआईटी की रिपोर्ट में जिन पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए हैं, उनमें श. गुरशेर सिंह, पीपीएस, डीएसपी (9वीं पीएपी, अमृतसर), श. समर वनीत, पीपीएस, डीएसपी (ईओडब्ल्यू, एसएएस नगर), और सब-इंस्पेक्टर रीना शामिल हैं। इसके अलावा, एएसआई मुख्तियार सिंह, सब-इंस्पेक्टर जगतपाल जांगू और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश भी जांच के घेरे में हैं। इन सभी पर कर्तव्य में लापरवाही का आरोप लगा है।
कोर्ट के निर्देश पर हुई सख्त कार्रवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को कठोर कार्रवाई के आदेश दिए थे। कोर्ट ने निर्देश दिया कि जेल में रहते हुए किसी अपराधी को इंटरव्यू देने की अनुमति न दी जाए। पंजाब सरकार ने इस पर गंभीरता दिखाई है और तुरंत सस्पेंशन के ऑर्डर जारी कर दिए।
जेल अधिनियम के तहत आरोप
इन पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 384, 201, 202, 506, 116 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, जेल अधिनियम की धारा 52 ए (1) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की जांच करने के लिए एक विशेष रिपोर्ट पंजाब के सीनियर पुलिस अधिकारी प्रभोध कुमार ने तैयार की है। कोर्ट के आदेशानुसार इन पुलिसकर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।