दुर्ग, पूर्व राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल व्यास का गुरुवार को निधन हो गया, जिससे पूरे राज्य में शोक की लहर फैल गई है। 93 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले व्यास जी का जीवन और योगदान छत्तीसगढ़ की राजनीति में अमिट छाप छोड़ गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही राज्यभर के प्रमुख नेता उनके पुरैना स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित कई वरिष्ठ राजनेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।
गोपाल व्यास के निधन के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा, जो कि उनके भतीजे हैं, भारी हृदय से अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, शीरु काका जी का जाना हमारे परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। वह सिर्फ मेरे बाबूजी श्रद्धेय मोतीलाल वोरा जी और काकाजी श्री गोविंदलाल वोरा जी के भाई ही नहीं थे, बल्कि हमारी प्रेरणा, हमारी नींव, और संतस्वभाव की मिसाल थे। तीनों भाई अपने-अपने जीवन में उच्चतम सफलताओं तक पहुंचे, लेकिन कभी भी भाईचारे और प्रेम में कमी नहीं आई। विपरीत विचारधाराओं के बावजूद भी आपसी प्रेम हमेशा बना रहा।
आजकल वोरा लगातार रायपुर दक्षिण में आगामी उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी आकाश शर्मा के लिए प्रचार में अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ जुटे हुए हैं, आज सुबह रायपुर में प्रचार के दौरान जैसे ही उन्हें यह दु:खद सूचना मिली, अपना कर्तव्य निभाते हुए वे श्रद्धांजलि देने पहुंचे और अपने काका जी के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
गोपाल व्यास के निधन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, पूर्व विधायक राजेश मूणत, गुलाबचंद बाफना, कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा सहित छत्तीसगढ़ के कई प्रमुख चेहरों ने शोक सभा में शामिल होकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। गोपाल व्यास जी का पार्थिव शरीर उनके मंशानुरूप अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को दान किया जाएगा, ताकि उनकी मृत्यु के बाद भी वह समाज की सेवा कर सकें।