- कोनी, लोखंडी, तुरकाडीह, निरतू, सेंदरी, कछार घाटों का यही हाल
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रोड में आगे बढ़ने पर एक झोपड़ी नजर आया जहां कुछ सामान रखा था यानी उसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां रात में भी लोग रहते हैं। ट्रैक्टर वालों ने बताया कि यहीं पर वे लोग रहते हैं जो उनसे 250-300 रुपए तक वसूलते हैं। तुरकाडीह सरपंच संतोष पटेल ने बताया कि उन्होंने खुद खनिज विभाग में शिकायत की है लेकिन वे ज्यादा ध्यान नहीं देते। खनिज चौकी में भी जाकर शिकायत करता हूं। निरतू व सेंदरी घाट में भी वसूली की जा रही है।
ट्रैक्टर मालिक बोला- बड़े घाट चलाने वाले रसूखदार लोग
कोनी में एक ट्रैक्टर मालिक ने बताया कि रोजी रोटी चलाने के लिए गाड़ी ले लिए हैं लेकिन सभी तरह की परेशानी उन्हें ही हो रही है। गाड़ी मालिकों की कोई सुनवाई नहीं है। गाड़ी की किश्त भरे, घर खर्च चलाएं कि माइनिंग वालों को दें। 12 हजार फाइन है, 6 बार गाड़ी पकड़ी जा चुकी है। 60 हजार रुपए महीने भर में लग गया। जानते हो किसका शासन है। बड़े -बड़े आदमी है, अपना-अपना लेकर चला रहे हैं।
युवक की मौत के बाद भी नहीं लिया सबक
लोफंदी रेत घाट में अवैध उत्खनन का नतीजा है कि उसी गांव के युवक सलमान की मौत रेत भरी हाईवा से टकराने से हो गई। इस घटना से भी न तो माफिया ने सबक लिया और न ही खनिज विभाग ने। नदी किनारे का ऐसा कोई गांव नहीं जहां अवैध रूप से रेत न निकाला जा रहा हो। इसी तरह रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन होता रहा तो दुर्घटना फिर हो सकती है।
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डंडा वसूली की जानकारी नहीं
मुझे बंद घाटों में डंडा वसूली की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा किया जा रहा है तो छापेमारी कर कार्रवाई करेंगे। वैसे कोनी घाट में कई बार छापेमारी कर ट्रैक्टर वालों के खिलाफ प्रकरण बनाया गया है।
अनिल साहू, सहायक खनिज अधिकारी